
"स्वस्थ रहें, सजग रहें” कैंसर को हराने का वह मंत्र है जिसे हर वर्ष 4 फरवरी को 'विश्व कैंसर दिवस' के रूप में मनाया व दोहराया जाता है। इस दिन का उद्देश्य कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना, इसकी रोकथाम के उपायों को साझा करना, और इस गंभीर बीमारी से लड़ने वालों के साहस को सम्मानित करना है। यह दिन हमें यह सोचने का अवसर देता है कि एक स्वस्थ जीवनशैली, समय पर जांच और अटूट हौसला किस प्रकार कैंसर जैसी बीमारी से बचाव में मददगार हो सकते हैं।
कैंसर की रोकथाम में आहार का महत्व
स्वस्थ आहार हमारे शरीर को न केवल मजबूती प्रदान करता है बल्कि कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने की क्षमता भी विकसित करता है। सही खान-पान कैंसर के खतरे को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है:
समय पर जांच का महत्व
कैंसर की समय पर पहचान और जांच से रोग का प्रारंभिक चरण में ही पता लगाया जा सकता है, जिससे इलाज की सफलता की संभावना बढ़ जाती है। मैमोग्राफी, पैप स्मीयर, कोलोस्कोपी जैसे परीक्षणों से ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर की पहचान की जा सकती है।
उदाहरण के रूप में, डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने समय पर जांच और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से स्टेज-4 कैंसर का सामना किया और इस बीमारी को मात दी। उनकी कहानी साहस और जागरूकता का प्रतीक है।
"बजट 2025: कैंसर से लड़ाई के लिए सरकार के नए कदम"
हाल ही में प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट 2025-26 में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं।ित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के उपचार में उपयोग होने वाली 36 जीवनरक्षक दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्क (बेसिक कस्टम ड्यूटी) से पूरी तरह छूट दी जाएगी, जिससे ये दवाएं अधिक सस्ती और सुलभ होंगी।
इसके अतिरिक्त, अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में कैंसर डे-केयर सेंटर स्थापित करने की योजना है, जिसमें से 200 सेंटर इसी वित्त वर्ष में खोले जाएंगे।स पहल का उद्देश्य कैंसर रोगियों को स्थानीय स्तर पर कीमोथेरेपी जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करना है, जिससे उन्हें बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
इन कदमों के माध्यम से सरकार कैंसर के उपचार को अधिक किफायती और सुलभ बनाने का प्रयास कर रही है, जिससे आम जनता को इस गंभीर बीमारी से लड़ने में सहायता मिलेगी।
बीमारी से लड़ने का हौसला
कैंसर से लड़ने के लिए मानसिक दृढ़ता और हौसला सबसे महत्वपूर्ण हथियार हैं। कई लोग अपने साहस और धैर्य से इस बीमारी को पराजित करने में सफल रहे हैं।
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि समय पर जांच, सही आहार और मजबूत मानसिकता के साथ हम कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से न केवल लड़ सकते हैं, बल्कि इसे पराजित भी कर सकते हैं। यह दिन हमें सिखाता है कि उम्मीद और हौसला कभी नहीं खोना चाहिए, क्योंकि हर जंग जीतने की शुरुआत विश्वास से होती है।
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