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जब तू अपने भीतर के दीवाने को आज़ाद करेगा,

हर रुकावट को तू रास्तों से बेखौफ़ हटा देगा।

हौसले की रौशनी से चकाचौंध होगा तेरा जहाँ,

हर मुस्कान में सजेगा उम्मीद का नया आसमाँ।

 

पैरों में हलचल होगी, दिल में अजब सी उमंग रहेगी,

सोच के धागों से बुन लेगा तू सपनों की पतंग बड़ी।

उड़ान भरते हुए कभी जो बादल रुकावट बने,

आज तेरी नज़र में वही हिम्मत के मोड़ बनेंगे।

 

राह में जो काँटे हैं, उन्हें फूलों जैसा अपनाना सीख,

गिर-गिरकर उठना, और आगे बढ़ते जाना सीख।

एक दीप जलेगा अंदर, जो डर का घेरा मिटाएगा,

असफलताओं के पीछे छिपा नया सबक दिखाएगा।

 

नज़रों में तेरी होंगी कुछ नई खोजों की झलकियाँ,

लफ़्ज़ों में आएँगी पुरअसर प्रेरणा की लहरियाँ।

हर पल की रंगत में तेरा जज़्बा खिलखिलाएगा,

बस तू बढ़ा चल—दुनिया भी तेरा नक्शा अपनाएगा।

 

यही दीवानगी तुझको तेरे मंज़िल से मिलवाएगी,

खुद में तू जितना खोएगा, क़ाबिलियत निखर जाएगी।

अपने रौशन सपनों को तू खुले गगन में बिखेर,

आसमान मुस्कुराएगा जब तू हौसलों की हवा में उड़ेगा बेख़बर।

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