
14 फरवरी: शहीदों की शौर्यगाथा और भारत का काला दिवस
जब पूरी दुनिया 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाती है, भारत के लिए यह दिन शोक और बलिदान का प्रतीक है। यह वही तारीख है, जब देश ने अपनी मिट्टी के वीर सपूतों को खोया था। यह दिन देशभक्तों की कुर्बानी और हमारे वीर जवानों के बलिदान को याद करने का दिन है।
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी सुनाई गई
14 फरवरी 1931 को अंग्रेजों की दमनकारी नीति के तहत हमारे महान क्रांतिकारियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई गई। इन वीर सपूतों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने में कोई संकोच नहीं किया। उनकी शहादत ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और तेज कर दिया और आज भी वे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
पुलवामा हमला: जब भारत ने खोए 44 जवान
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए भीषण आतंकी हमले में भारत ने सीआरपीएफ (CRPF) के 44 वीर जवानों को खो दिया। यह हमला भारत की आत्मा पर किया गया एक कायराना हमला था, जब जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने आईईडी से भरी गाड़ी से हमारे बहादुर सैनिकों के काफिले पर हमला कर दिया। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और यह दिन हर भारतीय के लिए काले दिवस के रूप में अंकित हो गया।
भारत के लिए 14 फरवरी वैलेंटाइन डे नहीं, बल्कि काला दिवस
जहां कुछ लोग इस दिन को प्यार और मोहब्बत के पर्व के रूप में मनाते हैं, वहीं देशभक्त भारतीयों के लिए यह दिन दुख और बलिदान की याद दिलाने वाला दिवस है। यह दिन हमें यह सीख देता है कि हम उन वीरों का सम्मान करें जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। हमें अपनी युवा पीढ़ी को यह समझाने की जरूरत है कि भारत का असली वैलेंटाइन डे उनके लिए वह दिन होना चाहिए, जब वे अपने देश से प्रेम करें और उसके लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प लें।
हमारा कर्तव्य
निष्कर्ष
14 फरवरी भारतीयों के लिए सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि बलिदान और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है। यह दिन हमें उन वीरों की याद दिलाता है जिन्होंने भारत माता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। हमें गर्व है कि हम उन महान क्रांतिकारियों और शहीद जवानों के देशवासी हैं जिन्होंने भारत को स्वतंत्र और सुरक्षित बनाने में अपना योगदान दिया। यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी कुर्बानियों को व्यर्थ न जाने दें और देश के लिए सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें।
"जब तक सूरज-चाँद रहेगा, शहीदों का नाम रहेगा।"
जय हिंद! जय भारत!
0 Comments